Friday, 13 July 2018

सोलंकी राजपूत उत्पति और इतिहास ( solanki rajput history )

सोलंकी या चालुक्य (बघेल)  Solanki Rajput History

वंश:-अग्निवंश ।
वेद:-अजुर्वेद ।
प्रवर:-3( तीन )भारद्वाज चालुक्य, बार्हेस्पत्य।
गौत्र:-भारद्वाज ।
शाखा:-वाज सनेयी ।
सूत्र:-पारस्कर ग्रह्मसूत्र है ।
कुलदेवी:-चण्डी या काली है।
नदी:-सरस्वती है ।
निवास:-लोह कोट,
वेद:-सामवेद ।
देवता:- विणु भगवान,
धर्म:- वैष्णव तथा विजयदशमी को तलवार पूजन होता है ।

इस वंश की प्रसिद्धि वर्णन अग्निकुल है । श्री ब्रह्माजी ने सभी ऋषियों के अनुरोध पर दुर्वादल की एक पुतली बनाकर अग्निकुण्ड में डाली । संजीवनी मन्त्र के उच्चारण से उस कुण्ड में से एक वीर पुरुष प्रगट हुआ, उसके एक हाथ में खड्ग व दूसरे में वेद शोभायमान था। अनहलपुर पट्टनदेश का राज्य उसको मिला, यह ब्रह्मा की हथेली से बनने के कारण चालुक्य राय प्रसिद्ध हुआ। इसका निवास लोह कोट (लाहौर) था। यह लोग मालावार, कल्यान नगर में बास करते थे । जहां पूर्व के चिह्न पाये जाते हैं ।
नोट:—अत्याचारी मुसलमानों के भयकुर उपद्रव से सोलंकी वंश मूल सहित उखड़ जाने के पहिले उससे १६
शाखा उत्पन्न हुई थीं।

शाखा-1. बघेल 2. वीरपुरा 3. वेहिल 4. भूरेता, 5. कालेचा, 6. लघा, 7. तोगरू, 8. विक्र, 9. सोलके, 10 सिरवरिया, सिरवइय्या) 11. रामका 12. राणकरा 13. स्वरूरा 14 तांतिया, 15. अलमचा, 16. कालामोर थीं।
1. बघेल- बघेल खण्ड से ।
2. वीरपुरा- लूनावाड़ा से।
3. वेहिल- गाड़ में कल्याणपुर के जमींदार।
4. भूरेता- जैसलमेर के बारुदेकरा व चाहिर में बसते हैं ।
5. कालेचा- जैसलमेर के बारुदेकरा व चाहिर में बसते हैं ।
6. लंघा- मुल्तान के निकट रहने वाले हैं ।
7. तागरु- पंचनद में रहने वाले हैं ।
8. विक्र- पंचनद में रहने वाले हैं ।
9. सोलके- दक्षिण में निवास करते हैं।
१०. सिरवरिया- सौराष्ट के गिरवार में निवास करने वाले हैं ।
11. राओका- जयपुर में टोड़ा के इलाके में रहने वाले ।
12. राणकरा- मेवाड़ व देसूरी में रहने वाले ।
13. स्वरूरा-मालवा व जावड़ा के रहने वाले ।
14. तांतिया- चंद्रमड-सकुनवरी व बदनौर में रहने वाले ।
15. अलमचा-भूमिहीन हैं ।
16. कालामोर--गुजरात में निवास करते हैं ।

 Baghel ( बघेल ) vansh ke rajput 

 निम्नलिखित हैं:
1. सुलंक महाराज । 2. वधूदेव । 3. जेसिद्ध । 4. कर्णदेव । 5. हलकेहरी। 6. केसरी । 7. मालकेसरी। 8. सारंगदेव। 9. बेनीसिंह। 10. नरहरसिह । 11.भद्रदेव। 12. शालिवाहन। .13 वीरसिहदेव । 14. वीरभानु- ये वाधोंगढ़ की गद्दी पर जा बैठे और दिल्ली बादशाह हुमायू की बेगम को बहन बना कर रक्षा की थी, जिससे अकबर पैदा हुआ था। 15. राजा- राम। 16. वीरभद्र । 17. धर्मदास, विक्रम,अमर सिंह, अनूप सिंह,भाव सिह, (यह जगदीश महाराज की प्रति लाए थे और रीवा में मन्दिर बनवाया था । अनुरुद सिंह , अवधूत सिह, अजीत सिंह, सिंह, विश्वनाथ सिंह, रघुराज सिंह वेकटरमन, गुलाब सिंह तथा भारण्डसह ।




7 comments:

  1. Bahal Solankiyon rajputo ki utpati Kahan sai hui Ye Rana kab or kyun bane

    ReplyDelete
  2. Or balnot kha niwas karte hai

    ReplyDelete
  3. bhai saab aapne sahi history nhi padh rkhi

    ReplyDelete
  4. solanki first moolraj hai aur aapne baghel ko bhi solanki bataya h
    kuldevi khimaj maata hai aur bhimdev 1 and 2 ka to jikra hi nhi
    aapse nivedan hai ki agar poora pata na ho to post krne ki jarurat nhi

    ReplyDelete

Thanks For Your Feedback

Distribute By © Licensewale