Monday, 20 January 2025

जानिये Rajput Population In Rajasthan?

बड़े-बड़े इतिहासकारों का ऐसा मानना है कि राजपूतों के इतिहास के बिना भारत के इतिहास का सपना देखना बहुत मुश्किल है। भारत में राजपूत जाति को एक योद्धा जाति के रूप में जाना  जाता है जिनके पूर्वजों ने भारत के लिए कई बलिदान दिए हैं। भारत में राजपूतों की संख्या लगभग 4 से 5 करोड़ के बीच है जो कि भारत में प्रमुख जाति समूहों में से एक है।

 

हमारा देश भारत अपने विशाल और उल्लेखनीय इतिहास के कारण पूरे दुनिया भर में प्रसिद्ध है और इसी भारतीय इतिहास में राजपूतों का भी एक हम अध्याय है। भारत में राजपूतों की सत्ता की स्थापना राजस्थान राज्य से हुआ था, लेकिन समय के साथ राजपूतों की संख्या पहले से काफी कम हो गई है। ऐसे में क्या आपको पता है की मौजूद समय में Rajput Population In Rajasthan कितना हैं?

 

अगर आपको इस बात की जानकारी नहीं है तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस लेख के माध्यम से हम आपको Rajput Population In Rajasthan के बारे में ही विस्तार से बताने वाले हैं। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि राजस्थान में राजपूतों की संख्या कितनी है? तो नीचे दिए गए लेख को अंत तक पढ़े।

राजपूतों का इतिहास।

राजपूत एक ऐसी जाती है जिसका नाम स्वयं में ही एक आदर्श, गौरव और अखंडता का संकेत है, राजपूत हमेशा अपने आप पर गर्व करते हैं। आपको बता दे कि राजपूत जाति पूर्वी, पश्चिमी, उत्तर, मध्य भारत के साथ दक्षिणी और पूर्वी पाकिस्तान में पाए जाते हैं। इन इलाकों में राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, पश्चिमी पंजाब, पूर्वी पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, सिंध जैसे जगह शामिल है। इसके अलावा राजपूत सिंध और बलूचिस्तान के पाकिस्तानी क्षेत्रों में भी बसते हैं।

राजपूतों की उत्पत्ति।

राजपूतों की उत्पत्ति को लेकर एक नहीं बल्कि कई सिद्धांत मशहूर है लेकिन उनमें से क्षत्रिय सिद्धांत सबसे लोकप्रिय सिद्धांतों में से एक माना गया है। आपको बता दे कि क्षत्रिय सिद्धांत के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति क्षत्रिय जाति से माना जाता है। प्राचीन भारत यानि पहले के समय में क्षत्रिय योद्धा और शासक वर्ग थे जिनकी जिम्मेदारी भूमि और अपने जनता की रक्षा करना थी। समय के साथ-साथ क्षत्रिय कई उपजातियां में बट गए और इन्हीं में से एक राजपूत उपजाति के रूप में उभरे।

 

इस सिद्धांत के अनुसार क्षत्रियों और राजपूतों में कई समानताएं देखी गई है, जैसे कि इन दोनों जातियों की संस्कृति और परंपराएं सामान्य है। राजपूतों को सहन कौशल, उनकी भूमि तथा जनता की रक्षा करना कर्तव्य है जबकि क्षत्रियों के भी कर्तव्य इसी स्वरूप है। इसीलिए इस सिद्धांत को मानने वाले लोगों का ऐसा कहना है कि राजपूत क्षत्रिय वंशज के हैं और राजपूतों के पूर्वज वहीं प्राचीन योद्धा वर्ग से थे जो शासन और सुरक्षा के कार्य में लगे रहते थे।

राजस्थान में राजपूतों की संख्या | Rajput Population In Rajasthan

राजस्थान राज्य में हर्ष की हत्या के बाद 647 ईसवी में राजस्थान के कई स्थानों पर राजपूतें के सत्ता का स्थापना हुआ था। आपको बता दे की 7वीं सदी से 12वीं सदी के बीच का इतिहास काल को राजपूत काल के रूप में जाना जाता है।

 

Rajput Population In Rajasthan की बात करें तो, राजस्थान में राजपूतों की संख्या अभी भी बहुत ज्यादा है जिस कारण यह भारत के प्रमुख जातियों में से एक माने गए हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार के बाद राजस्थान तीसरा ऐसा राज्य है जहां राजपूत की संख्या सबसे अधिक है।

 

Rajput Population In Rajasthan को लेकर राजस्थान के लोगों के बीच कई धारणाएं एवं गलतफहमियां है। राज्य में मौजूद कुछ लोगों का यह मानना है कि राजस्थान में राजपूत की आबादी 13% से लेकर 15% के बीच है, क्योंकि पिछले चुनाव में कुल वोटो की संख्या लगभग सारे चार करोड़ थी जिसमें से राजपूत के 64 लाख से अधिक वोट के अनुमान लगाए गए थे।

 

इस हिसाब से अगर 60 लाख वोटो पर एक करोड़ की आबादी मानी जाती है तो यह अनुमान सही लग सकता है। लेकिन इसके अलावा Rajput Population In Rajasthan को लेकर कुछ लोग एवं राजपूत संगठन जानबूझकर आबादी को कम बताने में विश्वास करते हैं।

 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भी राजस्थान में राजपूतों की आबादी को कम दिखाया जाता है, क्योंकि कई मीडिया ने भी राजपूतों की संख्या को 6% से लेकर 8% के बीच दिखाया है, लेकिन हकीकत में कई लोकसभा क्षेत्र में राजपूत वोट प्रतिशत 12% से लेकर 13% के करीब होता है।

 

इस हिसाब से अगर देखा जाए तो इतने बड़े वोट बैंक को सीधा आधा कर देना संभव है, लेकिन बहुत बार लोगों को संख्या जोड़ने और सही अनुमान लगाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लेकिन आपको बता दे कि राजपूत नेताओं के अनुसार राजस्थान में राजपूतों की आबादी (Rajput Population In Rajasthan) करीब 55 लाख से लेकर 58 लाख के बीच है।

राजस्थान में लोकसभा के अनुसार राजपूत वोट

यहां पर हमने आपको हर लोकसभा के न्यूनतम संभव राजपूत वोट की लिस्ट बताई है, इसका मतलब है कि प्रत्येक लोकसभा में असल वोट इससे अधिक हो सकता है लेकिन इससे काम नहीं हो सकता है।

 

        राजसमंद = 4 लाख

        चित्तौड़ = 4 लाख

        जयपुर देहात (ग्रामीण ) = 4 लाख

        जोधपुर = 4.25 लाख

        बाड़मेर =  3.50 लाख

        जालोर = 3.8 लाख

        बीकानेर = 2.9 लाख

        झुंझुनू = 3 लाख

        सीकर = 2.8 लाख

        नागौर = 3 लाख

        उदयपुर = 2.5 लाख

        भीलवाड़ा = 3 लाख

        धौलपुर = 2 लाख 80 हजार

        पाली = 4 लाख

        झालावाड़ = 3 लाख (सोंधीया सहित )

        चुरू = 3 लाख

        अजमेर = 2 लाख

        कोटा-बूंदी = 2 लाख 50 हजार

        अलवर = 1.75 लाख

        जयपुर शहर = 2 लाख

        सवाई माधोपुर = 1.9 लाख

        बांसवाड़ा = 2 लाख

        दौसा = 1.6 लाख

        भरतपुर = 1.4 लाख

        गंगानगर = 1 लाख


निष्कर्ष:

राजपूतों का इतिहास भारत के इतिहास से जुड़ा हुआ है क्योंकि प्राचीन काल में राजपूतों ने भारत देश के लिए कई बलिदान दिए हैं। साथ ही राजस्थान राज्य से राजपूतों की एक अलग ही रिश्ता है क्योंकि राजस्थान के ही इलाकों से राजपूतों की सत्ता का स्थापना हुआ था। ऐसे में इस लेख के द्वारा हमने आपको Rajput Population In Rajasthan के बारे में विस्तार से बताया है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि राजस्थान में कितनी राजपूतों की संख्या है (Rajput Population In Rajasthan) तो ऊपर दिए गए लेख को अंत तक पढ़े। उम्मीद करता हूं इस लेख से आपको अच्छी जानकारी मिली होगी, इसे पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

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